चांपा गोलीकांड ! मूलभूत सुविधाओं की मांग के बदले मिली थी गोली..38-वीं बरसी पर श्रद्धांजली का किया गयाआयोजन…राजकरण दुग्गड़ से होती हैं चांपा की पहचान…जनसुविधाओं के लिए लुटा दी जिसनें अपनी जान…जल की कमी से लड़ने की थी जिसने अगुवाई…आज के दिन शासन-प्रशासन से लड़कर जिसने गोली खाई…आज के दिन यह कर्म याद कर आंखें सबकी भर आई…

जांजगीर-चांपा। आज से अठतीस वर्ष पूर्व यानि कि 24-सितंबर,1983 को बिजली-पानी और सड़क मरम्मत जैसी मूलभूत मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहें निहत्थे और शांतिप्रिय नागरिकों की भीड़ पर पुलिस-कर्मिर्यों द्धारा गोली चालानें में राजकरण दुग्गड़ की मृत्यु हो गई थी! पुलिसकर्मियों की इस बर्बरतापूर्ण लाठी चार्ज,अश्रुगैंस और गोलीकांड से सैकड़ों लोग हृताहत हुए थे! कई लोगों को अपंगता का शिकार भी होना पड़ा था।
पुलिसकर्मियों की हैवानियत का शिकार, 24-वर्षीय युवा राजकरण दुग्गड़ को गोली लगने से शहीद होना पड़ा था! जनसमस्याओं के खातिर आंदोंलन में शामिल दर्जनों लोगों पर पुलिसकर्मियों के व्दारा अपराधिक धारा भी लगाया गया था,जिसके कारण उन्हें वर्षों तक पेशी के चक्कर काटने पड़े थे!
इन्हीं यादों को संजोए शहीद राजकरण दुग्गड़ की स्मृति में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी “राजकिरण आयोजन समिति ने आज 24 सितंबर, 2021 को पुलिस थाना के पास राजकरण दुग्गड़ उघान, चांपा में श्रध्दांजलीं सभा का आयोजन किया।
जिस जन-समस्याओं को लेकर शहीद राजकरण ने अपने प्राणों को न्यौछावर किया था•• उसके शहादत पर सम्मान करते हुए जनसभा को सर्वप्रथम समाजसेवी कैलाशचंद्र अग्रवाल ने संबोधित किया!उस समय के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जनाधिकार संघर्ष समिति के बैनर तले आयोजित चांपा नगर की पेयजलापूर्ति,और बिजली की आंखमिचौली को लेकर आक्रोशित जनता का था। शांतिपूर्ण तरीके से ज्ञापन देने के बाद भी समस्याओं का निराकरण नहीं किया जा रहा था। समिति ने जब पेयजल संकट के बारें में अधिकारियों को बताया तो अधिकारी उल्टे-सीधे तर्क देकर जनता-जनार्दन को दिग्भ्रमित करने का कार्य किया। कैलाशचंद्र अग्रवाल ने संबोधित करते हुए आगे बताया कि एक प्रशासनिक अधिकारी ने तो पानी के बदले अपनी पत्नी के मूत्र पीलों कहने पर लोग आक्रोशित हो गए और नगर की जनता पुलिस थाना का घेराव करने पहुंच गई । शांतिपूर्ण आंदोलन के बदलें में गोलीबारी हुई ! अश्रुगैस के गोलें दागें गए।एक होनहार नवयुवक राजकरण दुग्गड़ की मौत हो गई, कई लोग अपंगता के शिकार हुए और अनेक वर्षों तक बेगुनाह लोगों को पुलिस की हैवानियत का शिकार होना पड़ा।अपने प्राणों का बलिदान करने वाले राजकरण दुग्गड़ को नमन्। नगरपालिका अध्यक्ष जय कुमार थवाईत ने नगर की मूलभूत समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन देते हुए शहीद राजकरण दुग्गड़ की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए श्रद्धांजली अर्पित की।
नगर की जनभावनाओं का आदर करते हुए पूर्व पार्षद कृष्णा देवांगन ने शिलालेख पट्टिका और सौंदर्यकरण कर लोगों को इस काले दिवस को यादगार बनाने के लिए निमंत्रण-पत्र भेजा। उन्होंने समारोह स्थल पर नपाध्यक्ष से राजकरण उघान के सौंदर्यीकरण और स्थल को विकसित करने का निवेदन किया।
शशिभूषण सोनी ने बताया कि राष्ट्रीय पत्रकार मोर्चा के जन-सहयोग द्धारा 24-09 -1983 को स्थापित राजकरण दुग्गड़ की प्रतिमा का निर्माण 2500 रुपयें की लागत से नगर के मूर्तिकार किशन राव ने किया था, जिसका अनावरण पत्रकार कृष्णा डागा ने किया था। पूर्व पार्षद कृष्णा देवांगन ने शिलालेख पट्टिका का निर्माण करवाया। शिलालेख पट्टिका का आज अनावरण समाजसेवी कैलाशचंद्र अग्रवाल, नपाध्यक्ष जय थवाईत और हरदेव देवांगन ने किया। इस समारोह में राजकरण दुग्गड़ स्मृति समारोह के अध्यक्ष कार्तिकेश्वर स्वर्णकार एवं संयोजक सुधीर बाजपेई विशेष रूप से उपस्थित थे।कार्यक्रम का संचालन, व्यवस्थापक, पत्रकार अनंत थवाईत ने किया और आभार कृष्णा देवांगन ने किया।इस अवसर पर नपा उपाध्यक्ष हरदेव देवांगन, संतोष जब्बल, डॉ• रमाकांत सोनी, कार्तिकेश्वर स्वर्णकार, सलीम मेमन, प्रदीप नामदेव, नरेंद्र ताम्रकार, हरिश पाण्डेय, नागेन्द्र गुप्ता, शशिभूषण सोनी, संतोष सोनी, अखिलेश-कोमल पाण्डेय, सुनील कुमार सेठी, महावीर प्रसाद सोनी, मूलचंद गुप्ता, कुलवंत सिंह सलूजा,राजू साहू,भृगुनंदन शर्मा, गणेश श्रीवास,मनोज चेतानी, पवन यादव,सुनील कुमार साधवानी, श्रीमति अन्नपूर्णा देवी सोनी, पन्नालाल श्रीवास,तुलेश्वर देवांगन,संत कुमार, परमेश्वर स्वर्णकार, आदेश पाण्डेय बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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